तनहाई तो रहती थी पर इस कदर !
सबके साथ भी कुछ तन्हा तन्हा सा हूं
यादे तो बहुतों के थे मगर इस क़दर !
ना जाने किस बात की चुभन में हूं
लोग शांत है मै भी शांत हूं पर इस कदर
वो शोर मेरे कानो में ना जाने किधर से आ रही है
अंदर अंदर ही कुछ बिखर सा रहा हूं
ख़ुद को मानो थोड़ा थोड़ा खो सा रहा हूं
ख़ैर जाने दो, किस बात पर ख़ुद को बहकाया जाए
जो समझ ही ना आए ,उससे दिल क्यों बहलाया जाए।
alone in crowd |
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