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Thursday, August 30, 2018

1st propose i suppose

हा वक़्त लगता है दबी बातो को जुबां पे लाना
हड़बड़ नहीं फुरसत में सुनना तब ये दास्ताना
बस अब और नहीं संभलेंगे मेरे ख्यालात
बस अब कहना ही है ये बरसों पुरानी बात
मिलकर उनसे ऐसे सुन्न पड़े रहते हो
कुछ रहता है होश या घूमते हो इतिहास
हर बार की बस यही इल्तिज़ा पुरानी है
खेर लगता है उनकी अब तक नहीं कोई कहानी है
अब नहीं मुझको वो घंटो की अनकही बाते छिपानी है
सामने खड़ी हो वो मदहोश ऐसी बात बतानी है
बस अब यही बात है कि कौन सी बात कब बतानी है
कुछ भी कह देता हूं थोड़ी हिम्मत भी तो जुटानी है
ये क्या आंखो में उदासी चेहरे पे छाई उनकी चुप्पी है
सब ठीक तो था! इतने में मिलती किसी की झप्पी है
चेहरे पे खुशी देख आंखो में मेरी कयामत छाई है
फिर किसी मेहरबान ने कहा ये लड़की का भाई है
अब डर है कहीं खो न जाए उनके भी ख्यालात
इजहार ए मोहब्बत कर देता हूं घुसे पड़े या लात
अब और नहीं आज मौसम बड़ा सुहावना है
मुझको भी तो दफ्न राज उससे जो कहना है
सामने आयी वो पास बैठी बाते भी की
इजहार ए इश्क होना ही था उसने कुछ बात कही
एक सख्श था उनका चाहने वाला बड़ा अलबेला
मुझको तो बर्दाश्त नहीं ये अब मैं फिर अकेला
दोपहर का वक़्त था आंखो में मेरी चमक दौड़ पड़ी
रात 9 से 1 का वक़्त था घर वालो की इश्क पड़ी ।
              
proposal,first,love,
proposal

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