बैठे बैठे थक गए है जनता हिंदुस्तान कि
अख़बारों में लहरा रहा तिरंगा अपने मान की
अख़बारों में लहरा रहा तिरंगा अपने मान की
देख किताबो की गाथाएं में बाते बलिदान की
बच्चे बच्चे पूछ रहे आजाद के अभिमान की
बच्चे बच्चे पूछ रहे आजाद के अभिमान की
सुखदेव, राजगुरु,भगत सिंह संग लड़ी लड़ाई थी
चमक रही थी आंखे इनकी फासी पे मुस्कुराई थी
चमक रही थी आंखे इनकी फासी पे मुस्कुराई थी
देख तस्वीरे रुपयों में गांधी जैसे शान की
बच्चे बच्चे पूछ रहे है बाते सम्मान की
बच्चे बच्चे पूछ रहे है बाते सम्मान की
आजादी नहीं मिली सिर्फ गोलियों के शान से
अहिंसा का नेतृत्व किया गांधी जैसे नाम से
अहिंसा का नेतृत्व किया गांधी जैसे नाम से
जुल्म ढाते अंग्रेज हमपर कर वसूली के नाम पे
हिन्दू मुस्लिम आग लगाई जातियों के नाम पे
हिन्दू मुस्लिम आग लगाई जातियों के नाम पे
सबने आगे हाथ बढ़ाई जब सीमाओं को तोड़कर
उखाड़ फेके जंजीरों को रुखसत गौरो की मोड़कर...
उखाड़ फेके जंजीरों को रुखसत गौरो की मोड़कर...
Independence |
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