खुदगर्ज पागल फरेब जो केह लो
ईमान है मेरा , तुम भी समझ लो
शर्म हया लाज़ की वो तुम्हारी बातें
तुम ना ही करो ये छुप छुप बातें
तुम हम वो , कब और कैसे मिले
खेर तुम जानो ये रेत की बाते
वक़्त में पूछो मत मेरी खुशियों की बातें
तुम ना करो ये सब, तो मीठी सौगातें